जेल से फिर वो दो चार महीने में ही बाहर आ गया. जाहिर सी बात है कि पहली बार जब लॉरेंस बिश्नोई जेल में गया तो वहां उसकी मुलाकात क्रिमिनल माइंड वाले लोगों से हुई हुई होगी. इधर लॉरेंस जेल से बाहर आया और दूसरी ओर उसका दोस्त रोबिन चुनाव हार गया. इसके बाद 2010 में लॉरेंस ने कॉलेज में अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा लेकिन हार गया. इस हार का बदला लेने के लिए लॉरेंस और उसके दोस्तों ने जीते हुए उम्मीदवार के हाथ पैर तोड़ दिए. इसके बाद फिर लॉरेंस को जेल जाना पड़ा और काफी वक्त जेल में गुजारना पड़ा. जमानत से रिहा होने के बाद वो फिर छात्र राजनीति पर ध्यान देने लगा. 2011 में लॉरेंस ने अध्यक्ष पद का चुनाव जीत लिया. कॉलेज में पढ़ाई के दौरान लॉरेंस की मुलाकात गोल्डी बराड़ से हुई.
लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ छात्र राजनीति के बहाने पंजाब में सक्रिय थे. उन्होंने पंजाब के छोटे मोटे इलेक्शन लड़ना शुरू कर दिया. उसके बाद 2012 में लॉरेंस बिश्नोई ग्रेजुएट हुआ और छात्र राजनीति में अपना दबा दबदबा बनाने के लिए उसने गैंग बनाया. इसमें संपत नेहरा शामिल हुआ. संपत नेहरा हरियाणा का वो गैंगस्टर है जो सबसे पहले 2018 में सलमान खान को मारने के लिए मुंबई गया था. इससे पहले संपत नेहरा ने 2013 में मुक्तसर के सरकारी कॉलेज में लॉरेंस के उम्मीदवार को चुनाव हराने वाले उम्मीदवार की हत्या करा दी थी. इसके बाद उसने लुधियाना नगर निगम चुनाव में अपने दोस्त के चचेरे भाई के खिलाफ खड़े उम्मीदवार को भी गोली मारकर हत्या करवा दी. गोल्डी बराड़ फिलहाल अमेरिका में मौजूद है और उसने ही सिद्धू मूसेवाले की हत्या करवाई थी. इस हत्या की पूरी प्लानिंग उसने ही की थी. हत्याकांड के बाद गोल्डी बराड़ ने इंटरव्यू में स्वीकारा था कि उसने ही सिद्धू मूसेवाला की हत्या करवाई थी.